आ गया कोरोना वाइरस का टीका - COVID-19 Vaccination India Updates- यहाँ जानिए,
कब, कहां कैसा चल रहा है वैक्सिनेशन
प्रोग्राम-अब जाएगा कोरोना
कोविड -19 वेक्सीन से संबन्धित सभी जानकारी यहाँ देखें -
Coronavirus Vaccine India Latest News Updates-COVID-19 Vaccination-जाने आपको कब मिलेगा टीका
कोविद 19 वैक्सीन लगाने के बाद साइड इफेक्ट के 51 मामले दिल्ली में, मरीज़ एक अस्पताल में भर्ती -
मित्रो कोविड वैक्सीन लगाने के बाद के हल्के प्रतिकूल परिणामों के मामले साउथ दिल्ली और साउथ वेस्ट दिल्ली में सबसे ज्यादा देखे गए, दिल्ली के दोनों इलाकों में ऐसे 11 मामले सामने आए, उधर एनडीएमसी के मुताबिक चरक पालिका अस्पताल के दो स्वास्थ्यकर्मियों में भी कोरोना वैक्सीन लगने के हल्के साइड इफेक्ट देखे गए, इन दोनों के सीने में कसावट महसूस हुई, इन दोनों मरीजों को AEFI की टीम की निगरानी में अस्पताल में रखा गया था।
आपको बता दें देशभर में 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान शुरू हो गया है, कोविड वैक्सीनेशन अभियान के पहले दिन कुल 1,65,714 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई, राजधानी दिल्ली में कोरोना वैक्सीन के साइड इफ्केट के 51 मामले सामने आए, एक शख्स को अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ा, दिल्ली में वैक्सीनेशन अभियान के पहले दिन 4319 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई गई थी ।
कोविड वैक्सीन के हल्के प्रतिकूल परिणामों के मामले साउथ दिल्ली और साउथ वेस्ट दिल्ली में सबसे ज्यादा देखे गए। इन दोनों इलाकों में ऐसे 11 मामले सामने आए। उधर, एनडीएमसी के मुताबिक चरक पालिका अस्पताल के दो स्वास्थ्यकर्मियों में भी कोरोना वैक्सीन लगने के बाद हल्के साइड इफेक्ट देखे गए। इन दोनों के सीने में कसावट महसूस हुईथी । सुरक्षा की द्रष्टि से AEFI की टीम की निगरानी में दोनों को रखा गया था तथा सामान्य महसूस करने के आधे घंटे के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक वैक्सीनेशन के पहले दिन लाभार्थियों के लिस्ट अपडेट करने में देरी की कुछ समस्याएं सामने आईं थी, इसके अलावा कई जगहों पर ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों को भी वैक्सीन लगाई गई जो शनिवार के सेशन के लिए नामांकित नहीं थे, दोनों ही मामले का निदान कर दिया गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पहले दिन देशभर में 16755 वैक्सीनेटर थे जबकि 1 लाख 90 हजार से ज्यादा लाभार्थी जिनको ये टीकाकरण होना था।
आपको बता दें कि इससे पहले वैक्सीनेशन को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा था कि हम सफलता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, हम सब साथ मिलकर कोरोना से लड़ रहे हैं, देश में पूरी तैयारी के साथ कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हुआ है, राज्यों से जो फीडबैक मिला है वो भी काफी अच्छा है। हमने एक साल में कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक हद तक सफलता पाई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले 3-4 महीनों में हमारी रिकवरी और मृत्यु दर से संकेत मिलता है कि हम धीरे-धीरे COVID-19 के खिलाफ जंग जीत की ओर बढ़ रहे हैं।
कोविड -19 - कोरोना वेक्स्सीन- पहले दिन टारगेट नहीं हुआ पूरा सिर्फ 1.91 लाख लोगों को ही लग सका टीका
देश में टीकाकरण अभियान के पहले दिन सिर्फ 1.91 लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी गई, यानी कि पहले दिन का टारगेट पूरा करने में सरकार कामयाब नहीं रह पायी। आपको बता दें कि सरकार की ओर से टीकाकरण अभियान के पहले दिन 3 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था।
मित्रो देश में कोरोना के टीकाकरण अभियान की शुरुआत शनिवार 16-01-2021 को हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि टीकाकरण अभियान के पहले दिन 1.91 लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा सकी। यानी कि पहले दिन का टारगेट पूरा करने में सरकार कामयाब नहीं हो पायी। इसके अभियान के तहत सरकार की ओर से टीकाकरण अभियान के पहले दिन 3 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था जो पूरा नहीं हो सका।
आपको बता दें, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए 3351 सेंटर बनाए गए थे, तथा इन वैक्सीनेशन सेंटर पर 16755 लोगों की ड्यूटी लगाई गई थी, मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन लेने के बाद किसी को भी अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी।
सूचना के अनुसार उधर, वैक्सीनेशन के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्थ मिनिस्टर के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने रिव्यू मीटिंग की। तथा बताया कि आने वाले समय में हर एक कोविड वैक्सीन सेंटर पर टीका लगने वालों की संख्या को बढ़ाया जाएगा।
देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बिहार राज्य में 16 हजार 401 लोगों को टीका लगाया गया तो वहीं दिल्ली में 3403, गुजरात में 8557 लोगों को टीका लगाया गया है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां पर सिर्फ 15975 लोगों को ही कोरोना की वैक्सीन लगाई गई।
पूर्वी राज्य असम में पहले दिन 65 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए थे, बिहार में 301 सेंटर, दिल्ली में 81, हरियाणा में 77, कर्नाटक में 242, महाराष्ट्र में 285, ओडिशा में 181, राजस्थान में 167, तमिलनाडु में 160, तेलंगाना में 140 और यूपी में 370 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए थे।
आपको बता दें, उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर, राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि राज्य में हफ्ते में अधिकतम चार दिन टीकाकरण किया जाएगा, इसके अलावा राज्य में गुरुवार, रविवार सार्वजनिक अवकाशों पर कोरोना टीकाकरण नहीं होगा।
प्रदेश राजस्थान में पहले दिन 12558 लोगों को टीका लगाया गया। यहां पहले दिन 16613 लोगों को कोरोना का टीका लगना था, राज्य में सबसे अधिक संख्या (1303 ) में जयपुर में लोगों ने कोरोना का टीका लगवाया। जोधपुर में 908, अजमेर में 700 और अलवर में 670 लोग टीकाकरण में शामिल हुए।
आपको विदित हो, राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 टीकाकरण के दिन राज्य के 9 जिलों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के 21 मामले दर्ज किए गए। हालांकि ये सभी 21 मामले मामूली थे, जिनमें मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
महाराष्ट्र राज्य में टीकाकरण अभियान पर 18 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि कोविन (CoWin) एप्लिकेशन में आई तकनीकी दिक्कतों के चलते राज्य में 18 जनवरी तक टीकाकरण कार्यक्रम रोक दिया गया है, वहीं पहले दिन के टीकाकरण के बाद ओडिशा सरकार ने भी कहा है कि रविवार को राज्य में वैक्सीनेशन नहीं होगा। सूत्रो के अनुसार बताया जा रहा है कि सरकार वैक्सीन लेने वालों की हालत पर एक दिन नज़र रखने के लिए ऐसा केर रही है। बता दें कि पहले दिन ओडिशा में 8675 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी
कोविड - 19 टीकाकरण के पहले दिन दिल्ली में जिन हेल्थ वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया गया, उनमें प्रतिकूल प्रभाव का एक ‘गंभीर’ और 51 ‘मामूली’ मामले सामने आए थे, दिल्ली के 11 जिलों में टीकाकरण अभियान के पहले दिन 8117 हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाने का टारगेट था, लेकिन कुल 4319 लोगों को ही टीका लग सका । राजधानी दिल्ली में 81 केंद्रों पर टीकाकरण अभियान चलाया गया था।
कई सेंटरों में
50 लोग भी नहीं आए- दिल्ली
में हेल्थ वर्कर्स ने वैक्सीन लगवाने में नहीं दिखाई दिलचस्पी
आपको बता दें, कि सरकारी योजनानुसार पहले चरण में 3 करोड़ हेल्थ वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया जाना है, इसके लिए 3006 वैक्सीन सेंटर भी बनाए गए, जिसमें हर एक पर 100 लाभार्थियों को टीका लगाने का टारगेट रखा गया था, लेकिन पहले दिन कई सेंटर टारगेट का अपना आधा काम भी नहीं पूरा कर पाए।
हमारे देश में शनिवार 16-01-2021 से दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई है । सरकार के अनुसार पहले चरण में 3 करोड़ हेल्थ वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया जाना था, इसके लिए 3006 वैक्सीन सेंटर बनाए गए थे, जिसमें हर एक पर 100 लाभार्थियों को टीका लगाने का टारगेट रखा गया था, लेकिन पहले दिन कई सेंटर टारगेट का आधा काम भी नहीं पूरा कर पाए। कुछ डॉक्टर आशंकाओं को देखते हुए टीकाकरण की लिस्ट से बाहर हो गए।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आपको बता दें कि कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में पहले दिन 32 हेल्थ वर्कर्स को ही कोरोना का टीका लग पाया। उधर राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (RGSSH) में 42 हेल्थ वर्कर्स और दिल्ली कैंसर राज्य संस्थान में शाम 5 बजे तक कुल 46 लोगों का ही टीकाकरण हो सका। आपको बता दें कि हर एक वैक्सीन सेंटर पर 100 लाभार्थियों को टीका लगाने का टारगेट रखा गया था। इस तरह दिल्ली में पहले दिन कई सेंटर टारगेट का आधा कार्य भी नहीं पूरा कर पाए और यहां सिर्फ 50 से कम लोगों को वैक्सीन लग सकी।
दूसरी ओर, टीकाकरण के दौरान आरएमएल के डॉक्टरों ने स्वदेशी वैक्सीन भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को लेने में झिझक भी दिखाई। आरएमएल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को पत्र लिखकर मांग की है कि उन्हें सिर्फ ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन 'कोविशील्ड' ही दी जाए।
आप जानते है कि ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन 'कोविशील्ड' का भारत की सीरम इंस्टीट्यूट उत्पादन कर रही है, जबकि भारत बायोटेक की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को ICMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने मिलकर बनाया है।
आप जानते हैं कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की थी, दिल्ली के 6 केंद्रीय अस्पतालों, एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, कलावती शरण और दो ईएसआई अस्पताल को कोरोना वैक्सीन का सेंटर चुना गया है, इसके अलावा दिल्ली सरकार के अस्पतालों और निजी अस्पतालों में भी कोरोना का वैक्सीनेशन हो रहा है।
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मित्रो प्रधानमंत्री के मुताबिक, भारतीय वैक्सीन विदेशों की तुलना में बहुत सस्ती है, यह ऐसी तकनीक पर ऐसी बनाई गई है, जो स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्ट तक भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल है, यही वैक्सीन देश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी।
ये वैज्ञानिक
दक्षता और टैलेंट का जीता-जागता सबूत है -टीकाकरण से पहले PM ने देश को दी बधाई
पी एम नरेंद्र
मोदी ने कहा है कि आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है,
कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सबकी जुबान पर ये ही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी, अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू
होने जा रहा है, मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बधाई देता
हूं, पीएम ने ये बातें शनिवार 16-01-2021 को दुनिया
के सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान की शुरुआत से पहले कहीं थीं।
COVID-19 Vaccine-Coronavirus (COVID-19) Vaccine
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं लेकिन इतने कम समय में एक नहीं दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं, कई और वैक्सीन पर भी तेज़ गति से काम चल रहा है, ये भारत के सामर्थ्य, वैज्ञानिक दक्षता और टैलेंट का जीता-जागता सबूत है, कोरोना वैक्सीन की 2 डोज सबको लगनी बहुत जरूरी है, पहली और दूसरी डोज के बीच लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा, दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी, जिससे आप कोरोना से निजात पाएंगे।
विश्व का
कोविड-19 के खिलाफ
सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में शुरू हुआ
प्रधानमंत्री ने
शनिवार 16-01-2021 को कोविड-19 के खिलाफ विश्व के
सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की, वीडियो कांफ्रेंस के
माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ भारत के सभी राज्यों और केन्द्रशासित
प्रदेशों के 3006 टीकाकरण केन्द्र आपस में जुडें थे, बता दें कि पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में
इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं, पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की पहली खुराक दी जाएगी।
COVAXIN - India's First Indigenous Covid-19 Vaccine
हमारी सरकार के
मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम
मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल
से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी, बाद के
चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का
टीकाकरण होगा, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात
कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार उठाएगी।
COVID-19 Vaccination-Coronavirus Vaccine India Latest News Updates
साथियो
आज शनिवार 16-01-2021 को कोविड-19 के खिलाफ भारत में दुनिया के सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान का प्रारम्भ हो
गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
के जरिए इसकी शुरुआत की है, प्रधानमंत्री के साथ इस दौरान
भारत के सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के 3006
टीकाकरण केन्द्र आपस में जुड़े हुये थे, मोदी जी ने दवाई दिलाने
के साथ इससे संबन्धित कड़ाई का नारा भी देते हुए कहा कि टीके की दो खुराक बेहद
जरूरी है, साथ ही असावधानी बरतने वालों को आगाह करते हुए
उन्होंने अपील की कि हमें अपने व्यवहार में फिलहाल बदलाव नहीं करना है, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य करते रहना है।
जानिए कोरोना वाइरस का टीका सबसे पहले किसे लगाया गया?
किन किन को सबसे पहले लगेगा कोविड 19 का टीका?
कोविड-19 टीकाकरण शुरु हुआ पश्चिम बंगाल में
सूत्रों के
अनुसार पश्चिम बंगाल में शनिवार
16-01-2021 सुबह कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू हो
गया है, जिसमें एक निजी अस्पताल की एक डॉक्टर को पहला टीका
लगाया गया है, पश्चिम बंगाल से अधिकारियों ने यह जानकारी दी
है, अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि बिपाशा सेठ राज्य में
टीका लगवाने वाली पहली व्यक्ति हैं, सेठ ने कहा,
"यह मानव जाति के लिए बहुत बड़ा दिन है और मैं पहली खुराक पाकर
बहुत खुश हूं।"
पश्चिम बंगाल अधिकारियों
ने बताया कि पश्चिम बंगाल के श्रम राज्य मंत्री निर्मल माजी ने भी कोलकाता मेडिकल
कॉलेज एवं अस्पताल में कोविशील्ड टीका लगवाया है,
मेडिकल कॉलेज, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कुछ निजी
अस्पतालों सहित 212 केंद्रों पर सुबह 10.30 बजे टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हुआ था, प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 टीकाकरण के राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ किया था।
महिला स्वास्थ्य कर्मी को इंदौर में लगाया गया सबसे पहले टीका
मित्रो मध्यप्रदेश
में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित मरीज़ हैं इंदौर
जिले में, इसलिए इस महामारी से बचाव के लिये टीकाकरण अभियान इंदौर
से शुरू किया गया और पहला टीका शनिवार को स्वास्थ्य कर्मी आशा पवार को लगाया गया
है, स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी है, इस स्वास्थ्य कर्मी ने इस दौरान बताया कि इस टीके के प्रभावों को लेकर
उनके मन में कोई डर नहीं है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि यह टीका महामारी से लोगों
की जान बचाने में मददगार साबित होगा।
मध्यप्रदेश स्वास्थ्य
विभाग ने बताया कि पवार को शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में कोविड-19 का
पहला टीका लगाया गया है, इस दौरान प्रदेश के जल संसाधन
मंत्री तुलसीराम सिलावट तथा इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी के साथ आला
अधिकारी वहाँ मौजूद थे और टीकाकरण केंद्र को गुब्बारों से सजाया गया था, टीका लगवाने के बाद पवार (55) ने अंगुलियों से
"विक्टरी साइन" बनाते हुए खुशी जाहिर की, जिला इंदौर,
कोरोना वायरस संक्रमण से पिछले करीब 10 महीने
से जूझ रहा है।
दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल बोले सुरक्षित है टीका
मुख्यमंत्री
अरविंद केजरीवाल ने LNJP अस्पताल पहुंचकर वैक्सीनेशन का जायज़ा
लिया, उन्होंने कहा, कि "आज 8100 लोगों को वैक्सीन लगेगी, मैं सब लोगों को कहना चाहता हूं कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें,
एक्सपर्ट का कहना है कि कोई चिंता की बात नहीं है, वैक्सीन सुरक्षित है।"
टीकाकरण
केन्द्र, टीके की खेप
लेकर पहुंचे कर्मियों का गर्मजोशी से हुआ स्वागत
साथियो मुंबई के
कूपर अस्पताल में शनिवार की सुबह टीके की खेप लेकर पहुंचे कर्मियों का
स्वास्थ्यकर्मियों ने ताली बजाकर गर्मजोशी
से स्वागत किया, कूपर अस्पताल के स्टाफ के सदस्य आरती की
थालियां और मिठाई लेकर अस्पताल के बाहर टीकाकरण अभियान के पहले लाभार्थियों का
स्वागत करने के इंतजार में खड़े दिखे, यह अस्पताल महाराष्ट्र
के 285 केंद्रों में से एक है जहां पर पहले चरण में टीकाकरण
का शुभारंभ किया गया।
कूपर अस्पताल उन
केंद्रों में शामिल हैं जहां का वेबकास्ट के जरिए सीधा प्रसारण होगा,
टीकाकरण शुरू होने से पहले मुंबई में नौ टीकाकरण केंद्रों के बाहर चिकित्सकों और
नर्सों समेत अनेक स्वास्थ्यकर्मी एकत्रित हो गए, एक अधिकारी
ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सुबह सवा ग्यारह बजे बांद्रा
कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित टीकाकरण केंद्र से राज्यव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत
करेंगे।
पीएम मोदी - विदेशी टीके की तुलना में बहुत सस्ती हैं देसी वैक्सीन
प्रधानमंत्री ने
बताया कि भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका
उपयोग भी उतना ही आसान है, विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक
डोज 5000 हज़ार रुपये तक में हैं और जिसे -70 डिग्री तापमान में फ्रीज में रखना होता है, हमारे
वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को
लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की
अनुमति दी है। इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहों और दुष्प्रचार पर ध्यान नहीं देना है।
प्रधानमंत्री ने
संबोधन के अंत में यह भी कहा कि टीकाकरण अभियान अभी लंबा चलेगा, इसलिए हमें दवाई के साथ कड़ाई का भी पालन करना है,
टीका लगने के बाद मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सभी को अवश्य करते रहना होगा।
हरे रंग की शीशी में कोरोना को हराने की दवा |
प्रधानमंत्री की सलाह टीका लगने के बाद असावधानी न बरतें
प्रधानमंत्री ने
कहा कि "टीके के बाद दूसरी डोज कब लगेगी, ये फोन पर जानकारी
दी जाएगी, पीएम ने कहा कि इसकी दूसरी खुराक बहुत जरूरी है, इसे न लगवाने की भूल न करें, दूसरी डोज लगाने के दो
हफ्ते बाद ही कोरोना के खिलाफ जरूरी शक्ति विकसित हो पाएगी,
इसलिए टीका लगने के बाद असावधानी न बरतें,"प्रधानमंत्री
मोदी के मुताबिक, भारतीय वैक्सीन विदेशों की तुलना में बहुत
सस्ती हैं, यह ऐसी तकनीक पर बनाई गई है, जो स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्ट तक भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल है, यही देश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी, जिससे लोगों की जीवन सुरक्षित होगा।
Indian Covid 19 Vaccines |
प्रधानमंत्री मोदी
के मुताबिक, भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और
महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है, जिसे सबसे ज्यादा जरूरी
है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा, इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी
नहीं चलाया गया है, दुनिया के 100 से
भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है और
भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का
टीकाकरण कर रहा है, जो एक इतिहास बनेगा।
कहाँ दी जाएगी
सबसे पहले टीके की खुराक?
मित्रो भारत में
पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दिए जाने के साथ शनिवार 16-01-2021 को दुनिया का
सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है, प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिन में साढ़े दस बजे देश में पहले
चरण के कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत की है, पूरे देश में एक साथ टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है और सभी राज्यों
और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण
केंद्र बनाए गए हैं जहां सबसे पहले टीकाकरण का कार्य आरंभ किया गया है।
जयपुर राजस्थान के
सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य सुधीर भंडारी को सबसे पहले टीके की
खुराक दी गई, जबकि मध्य प्रदेश में एक अस्पताल के
सुरक्षा गार्ड और एक सहायक समेत अन्य लोग सबसे पहले टीका लेने वालों में शामिल हो
गए हैं, मोदी ने कहा है कि देश कोरोना वायरस महामारी के
खिलाफ शनिवार को ‘‘निर्णायक चरण’’ में
प्रवेश कर गया है।
टीकों का आवंटन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या के हिसाब से किया गया है
मित्रो ‘कोविशील्ड’
और ‘कोवैक्सीन’ की 1.65
करोड़ खुराकों में से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को
डाटाबेस में उपलब्ध स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या के हिसाब से टीकों का आवंटन कर
दिया गया है, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 10
प्रतिशत खुराकों को सुरक्षित रखने और एक दिन में एक सत्र में 100
लोगों के टीकाकरण के लिए निर्देशित किया गया है।
कौन हैं केंद्र
की प्राथमिकता पर कोरोना टीका के लिए?
मित्रो कोविड-19 महामारी, टीकाकरण की शुरुआत और कोविन सॉफ्टवेयर के
संबंध सवालों के जवाब के लिए एक कॉल सेंटर-1075 भी बनाया गया
है, हमारी सरकार के मुताबिक, सबसे पहले
एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले
करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के
लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी, बाद के चरण में गंभीर रूप
से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा, इन सभी स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार उठाएगी।
दिल्ली में 81 केंद्रों पर कोविड-19 का
टीकाकरण अभियान शुरू
देश के सारे
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने टीकाकरण के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं,
दिल्ली में, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में
एलएनजेपी अस्पताल में एक डॉक्टर, एक नर्स और एक सफाई
कर्मचारी को कोविड-19 का टीका दिया गया, राष्ट्रीय राजधानी में 81 केंद्रों पर कोविड-19
का टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है।
कैसे होगी गुजरात और महाराष्ट्र में टीकाकरण की शुरुआत
साथियो महाराष्ट्र
में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में एक केंद्र
से शनिवार 16-01-2021 को टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे,
बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने बताया कि मुंबई में नौ केंद्रों पर टीकाकरण होगा, पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने बताया कि टीकाकरण अभियान के पहले दिन शहर
में 800 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की खुराक दी जाएगी।
गुजरात के अधिकारियों
ने बताया कि गुजरात के अहमदाबाद और गांधीनगर के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा
अधीक्षकों समेत कुछ अन्य लोगों को टीके की पहली खुराक दी जाएगी और अभियान के दौरान
16000 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए जाएंगे,
असम में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हिमंत विश्व
सरमा ने बताया कि 1.9 लाख स्वास्थ्यकर्मियों में से 6500
को पहले दिन टीका लगाया जाएगा।
कहाँ दिया गया टीका सर्वाधिक आबादी के हिसाब से
मित्रो दुनिया
में जन संख्या के लिहाज से लोगों को कोरोना वैक्सीन दिलाने में सबसे आगे इजराइल है,
आंकड़ों के मुताबिक वहां अभी तक 23.01 फीसदी लोगों को टीक
लगाया जा चुका है, दूसरे नंबर पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)
है जहां 12.92 फीसदी लोग वैक्सिनेट किया जा चुके हैं, फिर बहरीन, ब्रिटेन और अमेरिका है जहां क्रमशः 6.44%,
4.31% और 3.37 लोगों को दवा दी गई है, हमारा नबर कब आयेगा आप जान जाएंगे।
Coronavirus
(COVID-19) Vaccine: Options, Safety Points
किस सीवैक्सीन में क्या आ सकते हैं साइड इफेक्ट्स?
मित्रो
हमारे देश में निर्मित कोरोना वाइरस को समाप्त करने के लिए अब तक दो वेक्सीन तैयार
हो पाये हैं जो इस प्रकार हैं –
1. 1- कोविशील्ड
2. 2- कोवैक्सीन
कोविशील्ड साइड इफेक्ट्स
जहां वैक्सीन लगेगी, वहां त्वचा का हिस्सा नरम हो सकता है। बदन दर्द, जोड़ों
में दर्द, थकान, ठंड और जी मचला सकता
है।
कोवैक्सी साइड इफेक्ट्स
मित्रो टीका
लगाए जाने वाली जगह पर दर्द के अलावा सिर, शरीर या पेट दर्द,
थकान, उल्टी आना, चक्कर
आना, कंपकंपी महसूस होना, पसीने छूटना
और ठंड लगना तथा बुखार भी आ सकता है।
31वां देश भारत बना टीका शुरू करने वाला पर इस मामले में है प्रथम
हमारा देश भारत कोरोना
का टीकाकारण चालू करने वाला 31वां देश है, हालांकि सर्वाधिक तीन लाख वैक्सीन की शीशियों के साथ कैंपेन का आगाज करने
वाला पहला देश है, इसी बीच नेपाल ने भी भारत में बनी
कोविशील्ड वैक्सीन को अपने यहां अनुमति दे दी है, जिसे
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार किया है, यह टीका
भारत का सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है।
'स्पूतनिक वी' डॉ रेड्डीज़ को तीसरे चरण के परीक्षण की मंजूरी मिली
मित्रो देश की दवा
कंपनी डॉ रेड्डीज़ लैबोरेटरीज़ ने शुक्रवार को कहा कि उसे कोरोना वायरस रोधी टीके 'स्पूतनिक
वी' के तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए भारत के
औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई है, हैदराबाद
स्थित कंपनी ने बताया कि इस टीके का तीसरे चरण का परीक्षण 1500 लोगों पर किया जाएगा, इस हफ्ते के शुरू में, डेटा एवं सुरक्षा निगरानी बोर्ड (डीएसएमबी) ने टीके के दूसरे चरण के
क्लिनिकल परीक्षण के आंकड़ों की समीक्षा की थी और तीसरे चरण के लिए स्वयंसेवकों को
भर्ती करने की सिफारिश की थी, अपनी रिपोर्ट में डीएसएमबी ने
कहा था कि टीके में किसी प्रकार की सुरक्षा चिंता का पता नहीं चला है।
सबसे पहले दिल्ली में इन्हें मिला टीका
मित्रो दिल्ली में कोरोना का टीका सबसे पहले एक सफाई कर्मचारी को दिया गया है, यह उसे AIIMS हॉस्पिटल में मिला है, इस मौके पर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन वहाँ मौजूद रहे।
AIIMS डायरेक्टर ने भी लगवाया टीका
नई दिल्ली में कोरोना टास्क फोर्स के वीके पॉल और AIIMS डायरेक्टर डॉ.रणदीप गुलेरिया ने भी टीका लगवाया। साथ ही कुछ ऐसे डॉक्टर्स को भी वैक्सीन मिली, जो इससे जुड़ी जांच में शामिल थे।
कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद '20 से अधिक लोगों की मौत', सवालों के घेरे में फाइजर का टीका- नार्वे
मित्रो दुनिया के कई देश कोरोना महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन का इस्तेमाल करने लगे हैं, इन्हीं देशों में शामिल नार्वे भी है, नार्वे में 27 दिसंबर 2020 से कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू हो गया था, वहीं नार्वे से अब चौकाने वाली खबर सामने आई है, बता दें कि नार्वे में कोरोना वैक्सीन लगने के बाद 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और करीब 100 लोगों पर इसका दुष्प्रभाव देखा गया है, जिसकी वजह से फाइजर की वैक्सीन सवालों के घेरे में हैं, आपको बता दें कि नार्वे में अमेरिका निर्मित फाइजर की वैक्सीन लगाई जा रही है, राज्य में अबतक 20 हजार से अधिक लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं।
साथी इस बीच खबर मिली है कि नार्वे के अलावा अन्य यूरोपीय देशों में भी इस
वैक्सीन का साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है, नार्वे के स्वास्थ्य अधिकारियों ने
बताया है कि जो लोग इस वैक्सीन से प्रभावित हुए हैं, उनके आंखों
के पास सूजन और शरीर पर चकत्ते देखे गए, जिसके बाद इन लोगों
को दवा दी गई है जल्द ही वो स्वस्थ हो जाएंगे, इसके साथ ही
अन्य लोगों में सिर दर्द, थकान और इंजेक्शन लगने की जगह पर
तेज दर्द के लक्षण देखे गए हैं।
वहीं नार्वे की सरकार ने कहा है कि कोरोना का टीका बीमार और बुजुर्गों के
लिए काफी जोखिम भरा हुआ है, आपको बता दें कि नार्वे में जिन लोगों की वैक्सीन लगने के
बाद मौत हुई है, उन्हें सिर्फ वैक्सीन का पहला डोज दिया गया
था, जिस कारण उनकी जान चली गई।
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Source: https://bharat.republicworld.com/world-news/uk-news/more-than-20-people-dead-after-getting-corona-vaccine-in-norway-pfizer-vaccine-under-question