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लट्ठमार
होली नारी सशक्तिकरण का प्रतीक है यहां की होली,
यहाँ झलकता है राधा-कृष्ण
का प्रेम
सारी दुनिया से अलग ब्रज की लट्ठमार होली सिर्फ मौज मस्ती की
नहीं बल्कि नारी सश्क्तिकरण का प्रतीक माना जाता है। इसके बारे में यहाँ कुछ विवरण
दिया जा रहा है -
नारी सशक्तिकरण का प्रतीक है ब्रज की होली
Holi Special: विश्व प्रसिद्ध ब्रज की होली | Braj ki Lathmaar Holi
Colorful Indian Festival Holi- ब्रज बरसाना की लठमार होली देखें ....
नंदगांव और बरसाने के बीच खेली जाती है लट्ठमार होली
मथुरा के बरसाने की हुरियारिनों और नंदगांव के हुरियारों के बीच लट्ठमार होली होती है, इसमें महिलाएं पुरुषों पर लट्ठ बरसाती हैं, पुरुष सिर के ऊपर छतरीनुमा मजबूत चीज रखकर बचाव करते हैं, इससे पहले हुरियारे नंदबाबा मंदिर में आशीर्वाद के बाद पताका लेकर निकलते हैं और वहां से हुरियारे पीली पोखर पहुंचते हैं, साज-सज्जा और ढाल कसने के बाद रसिया गाते हैं, फिर लाड़िली जी मंदिर की ओर बढ़ जाते हैं, यहाँ दर्शन के बाद वापसी में रंगीली गली में लट्ठमार होली खेली जाती है, जिसका आप आनंद ले सकते हैं।
होली खेलने का न्यौता लेकर जाती हैं सखियां
मथुरा क्षेत्र में राधा-कृष्ण की परंपरा को अपनाते हुए आज भी फाल्गुन मास की सप्तमी को राधा रानी के गांव बरसाने से सखियां फाग खेलने का न्यौता लेकर नंदगांव जाती हैं, न्यौता पहुंचने के बाद हुरियार ढाल लेकर होली खेलने के लिए बरसाने पहुंचते हैं, वहीं, दूसरी तरफ बरसाने की महिलाएं रंग, लट्ठ लेकर होली खेलने की तैयारी करती हैं, नंदगांव की टोलियां जैसी ही बरसाने पहुंचती हैं महिलाएं उन पर लाठियां बरसाना शुरू कर देती हैं, बरसाने और नंदगांव दोनों ही तरफ के लोगों को आज भी इस बात का विश्वास है कि लट्ठमार होली में किसी को भी चोट नहीं पहुंचती है, बरसाने की होली में शामिल होने के बाद हर कोई श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम में रंग जाता है, यह है लट्ठमार होली का प्रचलन।
लट्ठमार होली के बारे में, बरसाना होली, लड्डू होली 2022, Holi Song Play List
अभी से होली के लिए तैयार कर लें गानों की ये प्ले लिस्ट
होली
या फाग गायक ढोल, मंजीरे की थाप पर जब सुर लगाते हैं तो लोगों पर होली का
खुमार सिर चढ़कर बोलता है।
होली फाग महोत्सव - Holi Faag Mahotsav
2022 की होली का त्योहार आने ही वाला है, लोगों ने अभी से होलिका दहन के लिए पवित्र लकड़ियां इक्कठी करनी शुरू कर
दी हैं, चंदे वालों ने भी होली का जश्न मनाने के लिए
अभी से चंदा मांगना शुरू कर दिया है, होली आने से
पहले या यूं कहें कि बसंत का मौसम शुरू होने के साथ ही कुछ आंचलिक भू-भागों में
फाग गायन शुरू भी हो
जाता है, फाग दरअसल, होली
और इस मौसम से जुड़े लोगगीत होते हैं, स्थानीय लोग इन
गीतों को जश्न और ख़ुशी जाहिर करने के तौर पर गाते हैं, फाग गाने की परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है, अगर देखा जाए तो होली पर फाग गाने से जश्न का मजा और भी ज्यादा बढ़ जाता
है, फाग उत्तर प्रदेश के आसपास के इलाकों, बुंदेलखंड और बिहार में मुख्य रूप से गाए जाते हैं। ब्रिज क्षेत्र में होली के रसिया बहुत प्रसिद्ध हैं जिन्हें लोग कई दिन
पहले से गाना शुरू कर देते हैं। हम यहाँ पर आपके लिए
बहुत से गानों के वीडियो लेकर आए हैं जिन्हें देखकर और सुन कर आप भी होली का आनंद
ले सकते हैं ....
4-आज ब्रज में होली रे रसिया....
9-मैं कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग...
होली या फाग गायक ढोल, मंजीरे की थाप पर जब सुर लगाते हैं तो लोगों पर होली का खुमार सिर चढ़कर बोलता है, होली फाग के जरिए लोग प्रकृति को धन्यवाद करते हैं, होली का जश्न मनाते हैं और राधा कृष्ण के भजन गाते हैं, इस फाग गीतों में ब्रज और मथुरा की होली राधा और कृष्ण की लीलाओं का बखान होता है, होली फाग शास्त्रीय संगीत की श्रेणी में आता है, बिहार और इसके आसपास के इलाकों में फाग को फगुआ भी कहा जाता है, अगर आप ने भी अभी से होली की तैयारियां शुरू कर दी हैं तो आप इन होली फाग गीतों को अपनी प्ले लिस्ट में शामिल कर सकते हैं और साथ ही इन गीतों का आनंद ले सकते हैं ....
होरी खेलन आयो नटवर नन्द किशोर ....
ब्रज की बहुत ही प्यारी होली पहले कभी नहीं सुनी होगी | Harshit Saini | Radha Krishan Holi 2022
हेलो राधा ....
होली खेल रहे नंदलाल हो गोकुल के गलियन में...
आज ब्रज में होली रे रसिया....
मोहे होली में कर गया तंग कान्हा...
जुल्म कर डालो होली...
रंग मत डारो से सांवरिया...
रंग मत डाले रे साँवरिया || ब्रज की धमाल || Rang Mat Dare Re Sanwariya
होली आई रे कान्हा, ब्रज के रसिया...
होरी आई रे कान्हा-Hori aayi re kanha- vraj ke rasiya || Hori Aayi re Kanha
मैं कैसे होली खेलूँगी, या सांवरिया के संग...
फाग खेलन कृष्ण ब्रज आए रे...
फाग खेलन बरसाने आए हैं-Faga Khelan Barsane Aaye Hai